एनडीए के लिए 'लकी चार्म' साबित हुए डॉ. मोहन यादव
भारतीय राजनीति में कुछ चेहरे ऐसे उभरते हैं जो न केवल आम कार्यकर्ता की भांति जहाँ अपनी पार्टी की कमान संभालते हैं बल्कि स्टार प्रचारक बनकर पूरी चुनावी बिसात को बदलकर रख देते हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक ऐसा ही नाम हैं जिसने बिहार विधानसभा चुनावों में खुद की उपयोगिता को साबित कर दिखाया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए डॉ. मोहन यादव ' लकी चार्म' साबित हुए हैं। जहां जहां उनकी सभाएं हुई, वहां एनडीए के पक्ष में जबरदस्त लहर दिखाई दे रही है। यह जादू केवल वोटों का नहीं, बल्कि बिहार की जनता के मन में एनडीए सरकार के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक है ।एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने बिहार की 25 विधानसभा सीटों में प्रचार किया जिसमें से 21 पर एनडीए आगे दिख रहा है ।
तूफानी प्रचार के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव बनी मोहन की बड़ी यूएसपी
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अक्टूबर से नवंबर तक बिहार के कोने-कोने में धुंआधार प्रचार किया। पटना की कुम्हार ,बिक्रम , मनेर से लेकर मधेपुरा, गया, मधुबनी, बांका, सिकटा , बगहा , सहरसा , मनेर , बाकीपुर , पिपरा ,मोतिहारी, बोधगया और मधेपुरा तक कुल 25 से अधिक सीटों पर उनकी रैलियां, जनसभाएं और रोड शो किये। उनकी सभाओं का आकर्षण उनकी सहजता और सांस्कृतिक जुड़ाव रहा । यादव समुदाय के वोट बैंक को लक्षित करते हुए उन्होंने बिहार की माताओं-बहनों को शराबबंदी और 10 हजार रुपये की सहायता योजना की उपलब्धियां गिनाई। मोहन ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रखा और सबका साथ -सबका विश्वास उनका मूल मंत्र था।
पश्चिम चंपारण के बगहा, सहरसा और सिकटा में मोहन ने लालू प्रसाद यादव पर 'कंस' की उपमा देकर तीखा प्रहार किया। "बिहार को लूटने वालों को घर में घुसकर घोड़ा पछाड़ देंगे" उनकी यह ललकार सोशल मीडिया पर वायरल हो गई साथ ही बिहार चुनाव परिवारवाद बनाम राष्ट्रवाद की जंग है," उनका ये नारा भी खूब वायरल हुआ। छठ महापर्व को 'ड्रामा' बताने वालों पर मोहन ने तीखा प्रहार किया वहीँ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधने से मोहन नहीं चूके। चुनाव बिहार में, लेकिन पप्पू पचमढ़ी में कहकर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी की चुटकियां ली । कांग्रेस की हालत उन्होंने बिन दूल्हे की बारात जैसी बताई। यह प्रचार केवल भाषणों तक सीमित न रहा। मोहन यादव की सभाओं में जनसैलाब उमड़ा। खासतौर पर यादव वोटरों का रुख बदलने में उनका बड़ा योगदान रहा। देश के एकमात्र यादव मुख्यमंत्री के रूप में उनकी एंट्री ने न सिर्फ एनडीए के प्रचार अभियान को नई गति दी बल्कि विपक्ष के यादव वोटबैंक में सेंध लगाई।
रुझानों में दिखा 'मोहन फैक्टर'
बिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों में एनडीए दो-तिहाई बहुमत की ओर अग्रसर है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है और जनता दल (यूनाइटेड) इसकी मजबूत साथी। मोहन यादव का 'जादू' आंकड़ों में झलक रहा है। जहाँ - जहां उन्होंने प्रचार किया वहां एनडीए प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। कटोरिया, नाथनगर, आलमनगर, पिपरा, बेलहर जैसी सीटें इसका प्रमाण हैं। बिहार में यादव वोटों का दबदबा है और रुझान बता रहे हैं लालू-तेजस्वी की पार्टी पर सेंध लगाने के लिए यादव सीएम मोहन यादव का चेहरा सबसे कारगर साबित हो रहा है। मिशन बिहार के तहत डॉ. मोहन यादव, यादव और ओबीसी बाहुल्य सीटों पर अपनी हुंकार भरी । स्टार प्रचारक के तौर पर वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ओबीसी समुदाय को बड़ा संदेश देने में सफल रहे हैं और अब बिहार चुनावों में भी उन्होनें खुद को साबित कर दिखाया है।
रुझानों पर बोले मोहन : पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए की लहर चल रही है
एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के रुझान वास्तव में उत्साहवर्धन करने वाले है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने 2014 के बाद नए प्रकार की विकासपरक राजनीति का दौर देखा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक-एक करके तीनों लोकसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुत मिला।भाजपा ने दिल्ली में भी अपनी सरकार बनाई है। उसी सिलसिले को जारी रखते हुए तीसरी बार बिहार में फिर एनडीए सरकार की वापसी हो रही है।पूर्ववर्ती समय में हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और अब बिहार यह बता रहा है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए की लहर चल रही है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल देश के विकास बल्कि देश की सुरक्षा के लिए जो नीतियां लागू की है, वह वाकई हम सभी का मनोबल बढ़ाने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बिहार चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। भाजपा सबसे ज्यादा सीटें जीतकर नंबर वन पार्टी बनी है। दूसरा हमारा सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड है।
बिहार की राजनीति हमेशा से ही जातिगत समीकरणों पर आधारित रही है। डॉ. मोहन यादव की स्टार प्रचारक भूमिका एनडीए के लिए लाभ का सौदा साबित हुई है। मोहन यादव ने बिहार चुनावों में न केवल यादव वोटों को एकजुट किया, बल्कि पूरे एनडीए को मजबूत बनाया। आज जब रुझान एनडीए की तीसरी लगातार जीत की पटकथा लिख रहे हैं, तो एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव का का कद राष्ट्रीय राजनीती में तेजी से बढ़ गया है। उनकी स्टार प्रचारक की भूमिका न केवल भाजपा को मजबूती देगी, बल्कि राष्ट्रीय फलक पर एक नया आयाम भी जोड़ेगी।